- स्थानान्तरित पुलिस कर्मियों को जिम्मेदार नहीं कर रहे रिलीव
-आखिर उच्चाधिकारियों के आदेशों का जनपद में क्यों नहीं हो पा रहा अनुपालन बना चर्चा का विषय
बस्ती। व्यवस्था को चाक - चौबंद व पारदर्शी बनाने हेतु समय - समय पर कर्मचारियों के स्थानान्तरण होते रहते हैं परन्तु कर्मचारी निचले स्तर पर जुगाड़ के सहारे बिना रिलीव हुए अपने पूर्व स्थल पर ही जमा रहे तो इसे आप घोटाला के अलावा और क्या कहेंगें। जनपद के पुलिस विभाग में चल रहे इसी प्रकार के स्थानान्तरण घोटाले की कलई तब खुल गयी जब स्थानान्तरित पुलिस कर्मी जिले के जिम्मेदारों द्वारा रिलीव नहीं किए गए और पुलिस अधीक्षक जैसे अधिकारी को रिलीविंग हेतु स्मरण पत्र जारी करना पड़ रहा है। पलिस महानिरीक्षक स्थापना स्तर से जनपद में तैनात पुलिस कर्मियों के स्थानान्तरण आदेश जारी किए गए थे लेकिन कुछ स्थानान्तरित पुलिस कर्मी जनपद में अपनी मजबूत पकड़ के चलते रिलीविंग से बच गए और अभी तक जिले में जमें हैं जिसके चलते अपनी व विभाग की लाज बचाने हेतु बचे स्थानान्तरित पुलिस कर्मियों के रिलीविंग हेतु पुलिस अधीक्षक स्तर से स्मरण पत्र जारी करना पड़ रहा है परन्तु जनपदीय पुलिस की इस प्रकार की कार्य प्रणाली को लेकर जनता द्वारा तमाम प्रश्न दागे जा रहें हैं। लोग कह रहे हैं कि जो बस्ती पुलिस अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है वह जनता से जुड़े उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन कैसे कराती होगी , सोचनीय विषय जरूर है। लोग यहाँ तक कहने से नहीं चूक रहे हैं कि जनपदीय पुलिस विभाग में इतना बड़ा विषय क्या बिना पुलिस अधीक्षक के जानकारी में छिपाया गया यदि वास्तव में प्रकरण पुलिस अधीक्षक के जानकारी के बिना लंबित रहा तो उनके स्तर से दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गयी। जनपद से स्थानान्तरित 33 पुलिस कर्मियों की जनपद से रिलीविंग न होना जनपद स्तर से लेकर प्रदेश तक चर्चा का विषय बना हुआ है और जिम्मेदार सहित विभाग की जो फजीहत मची है उसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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