आगरा में साढ़े पांच साल की बालिका पड़ोस में रहने वाले बच्चे के साथ नहर के किनारे खेल रही थी। तभी उसका रिश्तेदार अमित अपने दोस्त निखिल के साथ बाइक पर आ गया और बच्ची का अपहरण कर ले गया। शोर मचाने पर आरोपी बच्ची को खेत में गए और हैवानियत की हदें पार कर दीं। दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद खेत में घसीटते रहे। छटपटाने पर बालिका का टॉप से गला घोंटकर हत्या कर दी।
बाद में दोनों ने परिजनों और पुलिस को गुमराह करने के लिए बालिका की तलाश करने का नाटक भी किया। दूसरे दिन निखिल ने बालिका के पिता को फोन कर छह लाख रुपये की फिरौती की भी मांग कर दी थी। शक होने पर पुलिस ने अमित और उसके दोस्त को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपियों ने सबकुछ कबूल कर लिया। उनकी निशानदेही पर बालिका का शव खेत से बरामद हुआ था। खुलासा होने पर गांव के लोग सन्न रह गए थे। घटना 18 मार्च 2024 की है।
आगरा में साढ़े पांच साल की बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर बेरहमी से हत्या के दो दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा दोषियों ने नन्ही अबोध बालिका के विरुद्ध सह अभियुक्त के साथ हवस पूर्ति करते हुए जघन्य घटना को अंजाम दिया है।
विशेष न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अत्यंत गंभीर और संवेदनशील तथ्य यह है कि अभियुक्त अमित वादी का रिश्तेदार था। पीड़िता अभियुक्त की पुत्री के रूप में थी। वह विश्वास के कारण ही अभियुक्त अमित के साथ गई होगी। परंतु अभियुक्त ने संबंधों की मर्यादा को लांघते हुए पीड़िता के विश्वास को तार-तार किया। नन्ही अबोध बालिका के विरुद्ध सह अभियुक्त के साथ हवस पूर्ति करते हुए जघन्य घटना को अंजाम दिया। इस नन्ही जान को उसके माता-पिता ने कभी कोई सुई भी न चुभने दी होगी, उसने स्वयं का जीवन बचाने के लिए कितना संघर्ष किया होगा। अदालत ने पंक्तियां भी लिखीं।

